Thursday, September 29, 2011

ऋषभदेव के सुगंधित मल की खुश्‍बू 10 योजन लगभग 30 मील (अर्थात 80 किलोमीटर)

भागवत पुराण में है कि वह( ऋषभ देव) लेटे लेटे  ही खाने, पीने और मलमूत्र त्‍यागने लग, अपने मल से सने हुए वह लेटे रहते थे, उनके मल की सुगंधित वायु दस योजन (ल10 योजन लगभग 30 मील (अर्थात 80 किलोमीटर)  तक चारों और के प्रदेश को सुगंधित रखती थी (स्‍कंध 5, अध्‍याय 5)  In general, 1 yojana = 8 miles =  

नोटः जिस पुस्‍तक में हमें यह मिला उसका नीचे फोटूस्‍टेट दिया गया है



भागवत पुराण

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श्रीमद्भागवत  
भागवत.gif
गीताप्रेस गोरखपुर का आवरण पृष्ठ
लेखकवेदव्यास
देशभारत
भाषासंस्कृत
शृंखलापुराण
विषयश्रीकृष्ण भक्ति
प्रकारप्रमुख वैष्णव ग्रन्थ
पृष्ठ१८,००० श्लोक
भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद्भागवतम् या केवलभागवतम् भी कहते हैं। इसका मुख्य वर्ण्य विषय भक्ति योग है, जिसमे कृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इसके अतिरिक्त इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरुपण भी किया गया है, परंपरागत तौर पर इस पुराण का रचयिता वेद व्यास को माना जाता हैं। 


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